सोमवार, 13 फ़रवरी 2017

चुनाव में बोले जाने वाली बातो का क्या कहना ....!

चुनाव में बोले जाने वाली बातो का क्या कहना ....!



जैसा की आप सभी पाँच राज्यो के चुनाव में शामिल है ही कोई सीधे तौर पर तो कोई न्यूज़ सुनकर अपनी राय बनाता और देता है ।
 अभी पंजाब में चुनाव हो चुके है, पंजाब के नेताओ की किस्मत अब EVM में बंद हो चुकी है , लेकिन अभी बाकि राज्यो में बाकि है , यूपी में पहले चरण के मतदान हो चुके है ।  बाकि जगह चुनाव बाकि है , 
मित्रो मेरा ध्यान और आप सभी का ध्यान चुनाव में नेताओ द्वारा बोली गयी बातो पर जरूर जाता होगा , जब नेता सामान्य दिन में होते है तो वो भी सामान्य होते है लेकिन चुनाव आते ही पता नहीं क्या हो जाता है बोलने में ये किसी भी मर्यादा का पालन नहीं कर पाते, और विरोधी भी हर गलत बात को भुनाने के लिए तत्पर रहता है ।
अभी प्रश्न ये है की क्या ये जानभूझ कर ऐसा  बोलते है या बोलने के प्रवाह में बोल जाते है ? कोई सोची समझी रणनीति होती है या वक्त और जगह की मांग होती है ।
आप सभी का मत इस पर अलग अलग हो सकता है , आप सभी को अपनी विचार धारा के नेता के साथ लगाव रहता ही होगा , और उनकी बातो का आप अपने स्तर पर बचाव भी करते होंगे ,
लेकिन मेरा मानना ये है की जो चुनाव में करोड़ो रूपये खर्च करते है , चुनाव तैयारी के लिए थिंग टेंक रखते है , चुनाव प्रचार की रणनीति बनाने के लिए लाखो के वेतन पर IIT IIM जैसे संस्थानों के योग्य लोग काम करते है , सालो साल सर्वे करते है 100 बिंदु को ध्यान रख कर अपने उम्मीदवार का टिकट तय करते है वो कुछ भी ऐसे ही नहीं बोल सकते ।

मतलब चुनाव में बोले जाने वाली हर बात का कोई न कोई मतलब जरूर होता है और नेता कुछ ऐसा बोल ही देते है की जो एक समुदाय को बुरा लगे तो दूसरा समुदाय को अच्छा लगे , और वो इनके साथ जुड़ जाये ।
नेता किसी को बुरा बता कर डराते है तो खुद को मसीह साबित करने की कोशिश करे है , लेकिन ये केवल अपनी राजनीती चमकाने का तरीका भर है , आप और हम सामान्य आदमी की तरह इन के बातो के जाल में फस जाते है । 
हम धरातल की सच्चाई ( जहाँ हम और आप रहते है ) को रोज महसूस करते है लेकिन चुनाव के टाइम पर नेता की कही बात को सच मन कर सोचने लगते है। ये केवल प्रचार का प्रभाव है की नेता अपनी बात को जबरजस्ती मनवाने में सफल भी हो जाते है । 
लेकिन हमे भी अपने बेहतर भविष्य के लिए सभी बातो पर सोच विचार कर ही निर्णय लेना चाहिए । आज जो साथ है कल तक अलग अलग थे , आज जो अलग अलग है कल मिलकर सत्ता का आनंद भी लेंगे  ।
इस लिए नेता के कहे बातो पर चुनावी परत को हटा कर जरूर देखे तभी कोई फैसल ले , कोई बुरा आदमी अच्छा नेता नहीं हो सकता इस लिए सभी अपने क्षेत्र के केवल अच्छे लोगो को ही वोट करे जिस से कल को वो साथ रहे या अलग रहे सभी अच्छे ही रहे ।


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